हाउ टू स्टॉप ओवरथिंकिंग | सिम्पटम्स | डिसऑर्डर | मीनिंग इन हिंदी
हमेशा कुछ न कुछ सोचते रहना यानी Overthinking का कॉमन प्रॉब्लम है, लेकिन यह लाइफ को धीरे धीरे कॉम्प्लिकेटेड करना स्टार्ट कर देता हैं |
ओवर थिंकिंग एक मनोवैज्ञानिक समस्याओं से जुड़ा हुआ विषय है|
इस आर्टिकल में हम जाएंगे की ओवरथिंकिंग क्या है, Overthinking के क्या क्या symptoms है, Overthinking के क्या लक्षण है, Overthinking के क्या करण है, Overthinking के क्या क्या नकुसान है, और इस छुटकार कैसे पायें |
अत्यधिक सोच क्या है ? What is Overthinking
सोचना हमारे मस्तिष्क के विभिन्न काम में से एक काम है, पर हमेशा हमारा दिमाग चलता रहे तो ये फिर यह ओवरथिंकिंग कहलाती है|
चलिए इस हम कुछ पॉइंट्स द्वारा समझते है, जैसे
- किया आपके दिमाग में हमेशा कुछ ना कुछ विचार चलते रहते है
- आप सो नहीं पाते क्योकि आपका दिमाग दौड़ रहा होता है
- क्या जल्दी से जल्दी फैसला नहीं ले पाते क्योकि आप सिर्फ सोचते ही रहते है यानी आप अपने Mind पर Control नहीं रहता है
- हमेशा थका हुआ महसूस करना
(नोट – यह लक्षण किसी अन्य बीमारी से सम्बन्धी भी हो सकते हैं)
अगर आप ये सब होता है तो ये Overthinking के लक्षण हो सकते है|
अत्यधिक सोच का क्या कारण है ?
Overthinking एक सामान्य मानसिक समस्या है यह हमने सामान्य इसलिए कहाँ है क्योकि इस पर हम निरन्तर कर सकते है, यह समस्या ज्यादातर देखने को मिलती है तो इस समस्या के कुछ प्रमुख कारण बताने जा रहा हूँ |
अत्यधिक सोच के कुछ मुख्य कारण –
1. अपने वर्तमान को Enjoy नहीं करना हमेशा वर्तमान से ज्यादा भूतकाल या भविष्य के बारे में ज्यादा चिंता करना – आप जो काम अभी कर रहे हैं उससे ध्यान हटाकर अपना ध्यान बीते हुए समय या आने वाले समय पर लगाएंगे रहना।
2. काम का ज्यादा तनाव होना – जब वर्क लोड ज्यादा होता है तो दिमाग भी तेज़ी से चलने लगता और यह तनाव का रूप ले लेता है। और दिमाग में वो विचार भी आने लगते है तो काम से सम्बन्धी नहीं हैं और लोग धीरे-धीरे Overthinking के शिकार हो जाते हैं।
3. डर का बना रहना – जब व्यक्ति के अंदर डर होता है जैसे – नौकरी छूटजाने का डर, प्रमोशन न होने का डर, काम में असफल हो जाने का डर, पैसे न मिलने या डूब जाने का डर। व्यक्ति इस डर को लेकर कल्पना करता रहता है, भले ही ऐसा न होने वाला हो। लेकिन धीरे धीरे यह डर उसे जरूरत से ज्यादा सोचने पर मज़बूर कर देता है।
4. कॉन्फिडेंस की कमी – जब व्यक्ति में किसी काम को करने के प्रति उलझन बनी रहती है तो कॉन्फिडेंस कम होता जाता है। जिसके चलते नकारात्मक विचार दिमागी को घेरना शुरू कर देते हैं और व्यक्ति ज्यादा सोचना और चिंता करना शुरू कर देता है।
5. चीज़ों के बारे में सकारात्मक से ज्यादा नकारात्मक विचार – जब व्यक्ति छोटी छोटी बातों के नकारात्मक पहलू के बारे में ज्यादा शुरू कर देता है तो वह व्यक्ति धीरे-धीरे Overthinking का शिकार होता जाता है।
Symptoms of Overthinking | Overthinking के क्या लक्षण
Symptoms of Overthinking |
# आलस्य का बढ़ जाना।
# बेचैनी बनी रहना।
# सिर में दर्द रहना|
# छोटी छोटी बात से चिंता हो जाना।
# किसी काम में मन न लगना।
# एक ही विचार मन में बार-बार घूमते रहना।
# भूख कम लगना या फिर ओवरईटिंग (ज्यादा खाना खा लेना)
# शरीर थका-थका सा रहना।
# वजन कम हो जाना।
# किसी काम पर फोकस न कर पाना (एकाग्रता में कमी)
# सिर में भारीपन बने रहना।
# कुछ क्रिएटिव न सोच पाना।
# याददाश्त में कमी होना।
# आदि लक्षण अत्यधिक सोच के कारण हो सकते हैं
(नोट – यह लक्षण किसी अन्य बीमारी से सम्बन्धी भी हो सकते हैं)
Side-Effects Of Overthinking in Hindi
अत्यधिक सोच के क्या नुकसान हैं | What are the disadvantages of overthinking
ओवरथिंकिंग का सबसे बड़ा नुकसान हैं हमारा दिमाग बहुत थक जाता, इस हम कोई काम पे फोकस नहीं कर पाते हैं |
क्या हो जब किसी मशीन को चालू छोड़ दें और उससे कुछ भी उत्पादन न करें ? एक और जहाँ मशीन गर्म पड़ जाएगी दूसरी और आपके ईंधन और बिजली का नुकसान भी होगा और आप कुछ प्राप्त भी नहीं कर पायेगें।
ओवरथिंकिंग आपके समय, ऊर्जा और स्वास्थ्य सभी को नष्ट करने का काम करती है।
ओवरथिंकिंग इच्छा शक्ति को कम करती है। किसी भी काम को हम परफेक्ट तभी कर पाते हैं जब हमारी इच्छा शक्ति तेज़ हो। यानि आप किसी काम पर फोकस तभी कर पाते हैं जब आपका दिमाग पूरी तरह से उस काम में लगा होता है।
यह शक्ति आमतौर पर सुबह के समय बहुत मजबूत होती है, लेकिन धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है क्योंकि हम दिन भर विभिन्न कार्यों को पूरा करते हैं। हालांकि, यह बहुत जल्दी खत्म हो जाती है क्योंकि हमारा दिमाग थक जाता है।
ओवरथिंकिंग के चलते हम तनाव में रहने लगते हैं। तनाव और चिंता हमारे स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाती हैं।
Overthinking Meaning Image |
Overthinking के अन्य कई नुकसान भी देखे गए हैं
जैसे –
- लोगों से ज्यादा मेल जोल पसंद ना करना।
- फालतू की बातों पर ज्यादा ध्यान देना या उसके बारे में ज्यादा सोचना और परेशान रहना।
- आलस्य का बढ़ जाना (कोई काम समय पर न कर पाना।)
- किसी काम को करने से पहले बहुत ज्यादा सोचना।
- फ्यूचर को लेकर ज्यादा चिंता करना।
- किसी भी काम में मन न लगा पाना।
- दिल की बीमारी, चक्कर आना आदि भी हो सकते हैं।
- दूसरों की बातों का जल्दी बुरा मानना और इस बारे में कई दिनों तक सोचते रहना।
- किसी भी प्रॉब्लम से जल्दी घबरा जाना।
- सिर के बाल गिरना (गंजेपन की समस्या)
- नशे का आदि हो जाना।
- हमेशा थका-थका सा महसूस करना आदि।
- मानसिक स्वास्थ्य से जुडी कई समस्याएं हो सकती हैं।
(नोट – यह लक्षण किसी अन्य बीमारी से सम्बन्धी भी हो सकते हैं)
ओवरथिंकिंग मीनिंग इन हिंदी
ओवर थिंकिंग का मतलब होता है – अत्यधिक सोच
Category : festivalpage,Mental Health